Toll Tax Rules – भारत में पिछले कुछ वर्षों में सड़क और राजमार्गों के निर्माण की गति तेज हुई है। सरकार ने एक्सप्रेसवे और हाईवे का विस्तार किया है जिससे यात्रियों को तेज और सुगम यात्रा का अनुभव मिलता है। हालांकि, इन हाईवे और एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने के लिए वाहन चालकों को टोल टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। यह शुल्क सड़क के निर्माण, रखरखाव और मरम्मत के लिए लिया जाता है। लेकिन कई बार लोग यह जानने के इच्छुक रहते हैं कि किन परिस्थितियों में उन्हें टोल टैक्स देने से छूट मिल सकती है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने टोल टैक्स से जुड़ी कुछ अहम छूट की जानकारी दी है। कुछ विशेष परिस्थितियों में वाहन चालकों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ता है। इसलिए यदि आप भी राजमार्गों पर यात्रा करते हैं, तो इन नियमों को जानना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
टोल टैक्स से छूट के नियम
10 सेकंड से अधिक प्रतीक्षा पर छूट
NHAI ने 2021 में एक नया नियम लागू किया था, जिसके अनुसार यदि किसी वाहन को टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से अधिक समय तक रुकना पड़ता है, तो उसे टोल टैक्स से मुक्त किया जा सकता है। यह नियम टोल प्लाजा पर भीड़ को कम करने और वाहन चालकों के समय की बचत के लिए बनाया गया है।
100 मीटर से अधिक लंबी कतार पर छूट
यदि टोल प्लाजा पर वाहनों की कतार 100 मीटर से अधिक लंबी हो जाती है, तो वहां खड़े वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जाता है। इसका उद्देश्य टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम को कम करना और लोगों को अनावश्यक देरी से बचाना है।
FASTag मशीन में खराबी होने पर छूट
यदि टोल प्लाजा पर लगे फास्ट टैग स्कैनर या मशीन में किसी भी प्रकार की तकनीकी खराबी आ जाती है और आपके वाहन का फास्ट टैग स्कैन नहीं हो पाता है, तो आपको बिना टोल दिए आगे बढ़ने की अनुमति दी जाती है।
कुछ विशेष श्रेणी के लोगों को टोल टैक्स में छूट
- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और न्यायाधीश जैसे वीआईपी पदों पर रहने वाले व्यक्तियों के वाहनों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ता है।
- सेना, पुलिस, एंबुलेंस, दमकल सेवा और सरकारी आपातकालीन सेवाओं से जुड़े वाहनों को भी टोल से छूट दी जाती है।
- स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और कुछ विशेष सरकारी अधिकारियों के वाहनों को भी टोल टैक्स में छूट मिलती है।
टोल टैक्स से छूट लेने की प्रक्रिया
यदि आप किसी कारण से टोल टैक्स से छूट के पात्र हैं, लेकिन टोल प्लाजा पर आपसे शुल्क लिया जा रहा है, तो आप NHAI की हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आप टोल प्लाजा की स्थिति का वीडियो या फोटो लेकर भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि टोल टैक्स गलत तरीके से कट गया है, तो आप अपने बैंक या फास्ट टैग सेवा प्रदाता से संपर्क करके रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।
फास्ट टैग और टोल टैक्स
भारत सरकार ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्ट टैग (FASTag) को अनिवार्य कर दिया है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है जिससे टोल प्लाजा पर बिना रुके टोल शुल्क कट जाता है। फास्ट टैग से समय की बचत होती है और लंबी कतारों से बचा जा सकता है। फास्ट टैग की मदद से न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या कम होती है, बल्कि ईंधन की भी बचत होती है। यदि आपके पास फास्ट टैग नहीं है, तो आपको दोगुना टोल शुल्क देना पड़ता है।
टोल टैक्स से मिलने वाले पैसे का उपयोग
टोल टैक्स से एकत्रित धन का उपयोग नई सड़कों के निर्माण, पुराने राजमार्गों के रखरखाव, पुलों और सुरंगों की मरम्मत तथा सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करने में किया जाता है। टोल शुल्क की मदद से सरकार यातायात को सुगम बनाती है और यात्रियों के लिए सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करती है। टोल टैक्स की आय का एक हिस्सा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भी खर्च किया जाता है।
समझदारी से करें टोल टैक्स का भुगतान
टोल टैक्स से संबंधित नियमों को जानना हर वाहन चालक के लिए आवश्यक है। यह नियम न केवल आपके समय और पैसे की बचत करते हैं, बल्कि टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ को भी कम करने में मदद करते हैं। यदि आपको लगता है कि आप टोल टैक्स छूट के पात्र हैं, तो संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें और अपने अधिकारों का सही उपयोग करें।
NHAI द्वारा बनाए गए टोल टैक्स नियम यात्रियों के लिए राहत देने वाले हैं। यदि आप 10 सेकंड से अधिक टोल प्लाजा पर रुकते हैं या टोल प्लाजा पर 100 मीटर से अधिक लंबी कतार लग जाती है, तो आपको टोल टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, कुछ विशेष श्रेणी के वाहनों और सरकारी अधिकारियों को भी टोल टैक्स से छूट दी जाती है। यदि आप नियमित रूप से हाईवे पर यात्रा करते हैं, तो फास्ट टैग का उपयोग करना फायदेमंद रहेगा क्योंकि इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि अनावश्यक जुर्माने से भी बचा जा सकता है। अगर आपको लगता है कि आपसे गलत तरीके से टोल वसूला जा रहा है, तो आप हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।